Rakshabandhan paarv ka mahatv

Raksha bandhan parv ka mahatv

रक्षा बंधन पर्व का महत्व (Importance of Raksha Bandhan Festival)

रक्षाबंधन आ रहा हैं। और रक्षाबंधन का नाम सुनते ही भाई बहनो के चेहरों पर ख़ुशी झलक उठती हैं। इस साल ये पावन पर्व 2023 में 30 अगस्त के दिन मनाया जायेगा। रक्षा बंधन का पावन पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह पर्व भाई बहन के अटूट और पवित्र रिश्ते का प्रतिक हैं। इस रिश्ते को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। क्योंकि इस रिश्ते में जो नोक-झोंक और प्यार है। वो किसी और रिश्ते में नहीं हैं।

रक्षाबंधन पर्व के महत्व को समझने के लिए इसका अर्थ जानना और समझना होगा। रक्षा और बंधन दो शब्दों को मिलकर बना हैं। एक ऐसा बंधन जो रक्षा का वचन ले। इस दिन बहने अपने भाइयो के हाथ पे पवित्र धागे की डोर बाँधती है। और अपने भाई की लंबी आयु की कामना करती हैं। और वही भाई भी अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते है। पर क्या आप जानते है की रक्षाबंधन पर्व की शुरुआत कब और कैसे हुई? रक्षा बंधन का महत्व क्या है ? रक्षा बंधन कैसे मनाया जाता है ? आइए जानते है रक्षा बंधन पर्व से जुड़ी प्रमुख बाते और कारण।

जानिए रक्षाबंधन की विशेषता

jaaniye rakhsabandhan

वैसे तो आप सब जानते ही है। कि रक्षाबंधन का पावन त्यौहार न केवल भारत में बल्कि नेपाल जैसे और भी कई देशों में मनाया जाता है। रक्षा बंधन की खास विशेषता यह है की यह त्यौहार न केवल सगे भाई बहन बल्कि चचेरे भाई बहन और मुँह बोले भाई बहन भी इस त्यौहार को बेहद धूम-धाम से मनाते है। और सबसे ख़ास बात इस पवित्र त्यौहार की ये है की ये बंधन दो लोगो को स्नेह के धागे से बांधता है। और अब यह त्यौहार न केवल भाई-बहन तक सीमित है बल्कि अब एक भाई का दूसरे भाई को राखी बांधना, बहनों को आपस में राखी बांधना, माता-पिता का अपनी संतान को राखी बांधना, और दो मित्रो का आपस में राखी बांधना भी होता है।

क्या है राखी ?

हिन्दू धर्म के अनुसार राखी एक पवित्र धागा है। ऐसा धागा जो भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है और भाई-बहन के आपस के प्यार और विश्वास को न केवल बनाये रखता है बल्कि और मजबूत बनाता है। राखी के इस शुभ अवसर पर बहन अपने भाई को चांदी राखी, रुद्राक्ष राखी, स्वस्तिक राखी, शुभ राखी भी बांधती है।

जानिए कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन

Kase manya jata hai rakshabandhan

रक्षा बंधन के दिन बहने अपने भाई के लिए राखी की थाली सजाती है और उस थाली में राखी के साथ मिठाई, रोली, चावल, रखती है। और भाई के माथे पर रोली का तिलक लगाकर उसके हाथ की कलाई पर राखी बांधती है। और मिठाई से मुँह मीठा कराती है। अंत में भाई की आरती करती है और अपने भाई की रक्षा के लिए भगवान् से कामना करती है। उसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देते है। और जीवन भर रक्षा करने का वचन देते है।

रक्षा बंधन मनाने का इतिहास

रक्षा बंधन त्यौहार सदियों से चला आ रहा है रक्षा बंधन की शुरुआत कब और कैसे शुरू हुई आईये जानते है इसके पीछे की ऐतिहासिक कहानियां और जानते है आखिर क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन?

माँ लक्ष्मी और राजा बलि

Maa laxmi aur raja bali

भगवत पुराण के आधार पर यह माना जाता है। की जब विष्णु भगवान ने युद्ध में राजा बलि को हरा कर तीनो लोकों पर अधिकार पा लिया तो बलि ने भगवान विष्णु जी से आग्रह किया की वे उनके साथ उनके महल में रहे। तभी भगवान विष्णु मान गए। लेकिन भगवान विष्णु जी की धर्म पत्नी लक्ष्मी जी को राजा बलि और भगवान विष्णु जी की मित्रता पसंद नहीं थी अंत में लक्ष्मी जी ने राजा बलि को रक्षा का धागा बाँध कर उन्हें अपना भाई बना लिया। इस पर राजा बलि ने लक्ष्मी जी से मनचाहा उपहार मांगने के लिए कहा। तभी माँ लक्ष्मी जी ने राजा बलि से कहा की वह भगवान विष्णु जी को वचन से मुक्त करे की भगवान विष्णु उनके साथ महल में रहेंगे। तभी राजा बलि ने माँ लक्ष्मी जी की ये बात मान ली और साथ ही माँ लक्ष्मी जी को अपनी बहन के रूप में स्वीकार किया।

युधिष्ठिर की कहानी

Yudhister ki kahaani

ये कहानी महाभारत के युद्ध के समय की है। युधिष्ठिर ने युद्ध के दौरान श्री कृष्ण जी से पूछा की मुझे कोई ऐसा उपाय बताये जिससे मेँ सारे संकटो पर विजय पा सकू। तभी श्री कृष्ण जी ने युधिष्ठिर से कहा की वे अपनी सभी सैनिको की कलाई पर रक्षासूत्र बांधे तभी वह समस्त संकटो पर विजय प्राप्त करेंगे। फिर युधिष्ठिर ने अपने सभी सैनिको को रक्षासूत्र बाँधा और महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्त की।

सबसे अहम बात जिस दिन युधिष्ठिर ने अपने सभी सैनिको को रक्षासूत्र बाँधा था। वह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। तब से रक्षा बंधन के दिन सैनिको को भी राखी बाँधी जाती है।

यमुना और यम की कहानी

Yamuna aur yam ki kahaani

मृत्यु देवता यम अपनी बहन यमुना से 12 वर्ष तक मिलने नहीं गए। तभी बहन यमुना बहुत दुखी हो कर माँ गंगा के पास गयी और अपना दुःख बताने लगी तभी माँ गंगा ने यमुना की बात सुनकर ये सुचना यम तक पहुंचाई ये सुचना सुनते ही यम तुरंत अपनी बहन यमुना से मिलने आये। यम को देख कर यमुना बहुत खुश हुई। और यम के लिए अनेक प्रकार की व्यंजन भी बनाये। ये सब देख कर यम बहुत खुश हुए और खुश होकर यम ने यमुना से कहा से की वे अपना मनचाहा वरदान मांग सकती है। इस पर यमुना ने यम से ये वरदान माँगा की यम पुनः ही अपनी बहन के पास आये। ये सुन कर यम बहुत खुश हुए और अपनी बहन यमुना को अमर होने का वरदान दिया।

रक्षाबंधन का त्यौहार ना केवल भाई बहन के रिश्ते को मजबूत करता है। बल्कि धार्मिक के साथ-साथ, सामाजिक, ऐतिहासिक, रूप से भी महत्वपूर्ण है। रक्षाबंधन का ये पर्व समाज, देश, परिवार, के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।

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